आंखों के नीचे सूजन
आंखों के नीचे सूजन मुख्य रूप से फ्लूइड व वसा के जमाव के कारण होती है, तो वहीं उम्र बढने के कारण भी आंखों के नीचे सूजन आ जाती है। कुछ लोगों में वंशानुगत भी यह समस्या देखने को मिलती है। समस्या के पीछे कारण चाहे कोई भी क्यों ना हो, उसका निदान करना बेहद जरूरी है।
आंखों के नीचे वॉटर रिटेंशन भी पफीनेस का एक बहुत कारण हो सकता है, जो इस ओर इशारा करता है कि पाचन तंत्र तक इतना पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जितना जरूरी है। ऎसे में ढेर सारा पानी पिएं। दसअसल जब शरीर से पानी की कमी होने लगती है, तो शरीर पानी को डिफेंस मैकेनिज्म के रूप में जमा करने लगता है, जिससे आंखों के नीचे पफीनेस आ जाती है।
सूजन कम करें
आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारने से आंखों में रक्तसंचार बेहतर होता है और आंखें तरोताजा दिखायी देती हैं।
खाने में नमक की मात्रा कम करें।
कैमोमाइल या ग्रीन टी बैग्स को आंखों पर रखने से भी लाभ होगा। टी बैग्स को ठंडे पानी में डुबो कर आंखें बंद करके उसके ऊपर रखें। खुली चाय पत्ती हो, तो बारीक कपडे में लपेट कर ठंडे पानी में डबो कर निचोडें और आंखों के ऊपर 15 मिनट के लिए रखें। चाय में मौजूद टैनिन और ठंडक के कारण सूजन कम होती है।
वॉटर बेस या जैल बसे मेकअप उत्पाद इस्तेमाल में लाएं, क्योंकि ऑइल बेस मेकअप उत्पाद त्वचा के लिए भरी रहते हैं।
विटामिन ई ऑइल को रात को सोते समय आंखों के आसपास मलें। फायेदा होगा।
स्टील के कुछ चम्मच फ्रिज में रखें और इन्हें एकदम ठंडा करके आंखों की सूजन पर एक-एक करके लगाती जाएं।
आलूओं के गोल स्लाइसेस काट कर आंखों के ऊपर लगाएं। सजून कम होगी।
माहवारी के दौरान भी आंखों के ऊपर-नीचे सूजन आ सकती है, जो बाद में स्वत: ठीक हो जाती है।
आंखों के नीचे की सूजन से बचने के लिए सिरहाना कम से कम 6 इंच ऊंचा रखें यानी कम से कम 2 तकिए लगाएं। इससे अतिरिक्त फ्लूइड आंखों के आसपास एकत्रित नहीं हो पाएगा।
ऊपर-नीचे की पलकों को हल्के से थपथपाने से आंखों में जमा अतिरिक्त फ्लूइड बह जाता है। आंखों की पकीनेस को उंगलियों के पोरों से हल्के से थपथपाएं।
आंखों के नीचे सूजन मुख्य रूप से फ्लूइड व वसा के जमाव के कारण होती है, तो वहीं उम्र बढने के कारण भी आंखों के नीचे सूजन आ जाती है। कुछ लोगों में वंशानुगत भी यह समस्या देखने को मिलती है। समस्या के पीछे कारण चाहे कोई भी क्यों ना हो, उसका निदान करना बेहद जरूरी है।
आंखों के नीचे वॉटर रिटेंशन भी पफीनेस का एक बहुत कारण हो सकता है, जो इस ओर इशारा करता है कि पाचन तंत्र तक इतना पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जितना जरूरी है। ऎसे में ढेर सारा पानी पिएं। दसअसल जब शरीर से पानी की कमी होने लगती है, तो शरीर पानी को डिफेंस मैकेनिज्म के रूप में जमा करने लगता है, जिससे आंखों के नीचे पफीनेस आ जाती है।
सूजन कम करें
आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारने से आंखों में रक्तसंचार बेहतर होता है और आंखें तरोताजा दिखायी देती हैं।
खाने में नमक की मात्रा कम करें।
कैमोमाइल या ग्रीन टी बैग्स को आंखों पर रखने से भी लाभ होगा। टी बैग्स को ठंडे पानी में डुबो कर आंखें बंद करके उसके ऊपर रखें। खुली चाय पत्ती हो, तो बारीक कपडे में लपेट कर ठंडे पानी में डबो कर निचोडें और आंखों के ऊपर 15 मिनट के लिए रखें। चाय में मौजूद टैनिन और ठंडक के कारण सूजन कम होती है।
वॉटर बेस या जैल बसे मेकअप उत्पाद इस्तेमाल में लाएं, क्योंकि ऑइल बेस मेकअप उत्पाद त्वचा के लिए भरी रहते हैं।
विटामिन ई ऑइल को रात को सोते समय आंखों के आसपास मलें। फायेदा होगा।
स्टील के कुछ चम्मच फ्रिज में रखें और इन्हें एकदम ठंडा करके आंखों की सूजन पर एक-एक करके लगाती जाएं।
आलूओं के गोल स्लाइसेस काट कर आंखों के ऊपर लगाएं। सजून कम होगी।
माहवारी के दौरान भी आंखों के ऊपर-नीचे सूजन आ सकती है, जो बाद में स्वत: ठीक हो जाती है।
आंखों के नीचे की सूजन से बचने के लिए सिरहाना कम से कम 6 इंच ऊंचा रखें यानी कम से कम 2 तकिए लगाएं। इससे अतिरिक्त फ्लूइड आंखों के आसपास एकत्रित नहीं हो पाएगा।
ऊपर-नीचे की पलकों को हल्के से थपथपाने से आंखों में जमा अतिरिक्त फ्लूइड बह जाता है। आंखों की पकीनेस को उंगलियों के पोरों से हल्के से थपथपाएं।
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