Saturday, July 13, 2013

कुछ मिथक एवं तथ्य Facts and myths about menstruation

कुछ मिथक एवं तथ्य 
माहवारी (पीरियड्स) के बारे में मनगढ़ंत बातें एवं सच्चाईयां

मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान गर्भवती होना असंभव है!
सच्चाई - अंडोत्सर्जन (आॅव्युलेशन) किसी भी समय हो सकता है।

मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म चक्र हमेशा 28 दिनों में होना चाहिए।
सच्चाई - मासिक धर्म चक्र हर महिला में अलग-अलग समय पर होता है, 28 दिन केवल एक औसत समय है।

मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म के दौरान किसी भी तरह की गतिविधि करने से बचें और बिस्तर में आराम करें।
सच्चाई - व्यायाम से लक्षणों में मदद मिल सकती है, इससे आपका दर्द बदतर नहीं होगा। यदि कोई महिला रक्त की कमी (एनीमिया) से पीडि़त नहीं है, तो माहवारी के दौरान उसे कमजोरी नहीं होगी। माहवारी के दौरान असामांय रक्तस्राव के कारण रक्त की कमी (एनीमिया) की शिकायत हो जाती है।

मनगढ़ंत बात - सभी महिलाओं को माहवारी (पीरियड्स) के दौरान पीड़ा होती है।
सच्चाई - अधिकांश महिलाओं को मामुली परेशानी होती है और इससे उनकी नियमित गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ता है। कुछ महिलाओं को बहुत ज्यादा दर्द और अन्य शिकायतें होती हैं

मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म के दौरान आपको यौन सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए।
सच्चाई - यदि दोनों साथियों की यौन सम्बन्ध बनाने की इच्छा है, तो ऐसा न करने का कोई चिकित्सीय कारण नहीं है, और संभोग से कभी-कभी तो ऐंठन की शिकायत दूर होती है।

मनगढ़ंत बात - स्नान करने से माहवारी की ऐंठन पैदा होती है या बदतर हो जाती है।
सच्चाई - गर्म पानी से स्नान करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है।

मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान आसानी से ठंड लग जाती है और इसीलिए ठंडे पानी और पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
सच्चाई - कुछ महिलाओं को ठंड पदार्थों से दर्द की स्थिति बढ़ जाती है लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको ठंड ही लग जाए।

मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान आपको अपने पैर गीले नहीं करने चाहिए।
सच्चाई - ऊपर देखें; टेम्पेक्स बुकलेट्स और अन्य अतीत की पत्राचार सामग्रियों ने इसे लोकप्रिय बनाया है।

मनगढ़ंत बात - जन्म नियंत्रक गोलियां लेने वाली महिलाओं को माहवरी (पीरियड) होनी चाहिए।
सच्चाई - वे महिलाएं जो कि जन्म नियंत्रक गोलियों का सेवन कर रही हैं, को गर्भाशय विकास का अनुभव नहीं होता है और इसीलिए उन्हें परत (लाइनिंग) को बहाने के लिए माहवारी की जरूरत नहीं होती है। गोली के साथ होने वाला रक्तस्राव ‘‘वास्तविक’’ माहवारी नहीं है, और महिला के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक नहीं है।

मनगढ़ंत - माहवारी के दौरान महिलाएं हमेशी चिड़चिड़ी होती हैं।
सच्चाई - सभी महिलाएं पीएमएस लक्षण या इसी प्रकार के लक्षणों का अनुभव नहीं करतीं। ‘‘महीने के उन दिनों में’’ आप सभी महिलाओं को स्वभाव को चिड़चिड़ा होना के रूप में वर्णित नहीं कर सकते। किसी अन्य समय की तरह ही माहवारी के दौरान भी वे सामान्य स्वभाव बनाकर रखने में सक्षम होती हैं, वे मानसिकरूप से कमजोर नहीं होती हैं।

मनगढ़ंत बात - माहवरी के दौरान बालों को न धोएं न संजाएं-संवारें।
सच्चाई - यह मिथक सिर्फ अंधविश्वास है।

मनगढ़ंत बात - माहवारी के रक्त से बदबू आती है।
सच्चाई - पैड्स एवं टैम्पाॅन के उपयोग से जीवाणु (बैक्टीरिया) बनते है जिसके परिणामस्वरूप दुर्गंध विकसित होती है, रक्त में दुर्र्गंध नहीं होती।

मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म रक्त विषाक्त या अशुद्ध होता है।
सच्चाई - किसी अन्य रक्त की तरह यह अशुद्ध नहीं होता, टेम्पाॅन शरीर में गंदे रक्त को नहीं रखते हैं। किसी अतिरिक्त साफ-सफाई या डियोडरेंट की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ही ऐसा भय उत्पन्न किया जाता है।

मनगढ़ंत बात - माहवारी के दौरान, आपको कुछ विशेष खाद्य पदार्थ (मांस, दूध से बने पदार्थ)नहीं खाने चाहिए।
सच्चाई - जो चाहो वो खाओ, आपको कोई नुकसान नहीं होने वाला। वास्तव में विटामिन से दर्द को राहत मिलती है, इसीलिए आयरन के लिए मांस और कैल्शियम के लिए दूध आदि का सेवन करें।

मनगढ़ंत बात - गर्भवती महिला को रक्तस्राव नहीं होता।
सच्चाई - धब्बे या हल्का रक्त स्राव सामान्य है, लेकिन सुनिश्चित होने के लिए डाक्टर से मिलें।
मासिक धर्म चक्र के दौरान आहार
यह बात हर कोई जानता है कि हमारी खानपान की आदतें सीधेतौर पर हमारे शरीर को प्रभावित करती हैं। जब आपके मासिक धर्म चक्र की बात आती है, तो इस पर भी यही नियम लागू होता है। यदि आप चाहती हैं कि आपको कम पीड़ादायक मासिक धर्म चक्र (पीरियड) हों, तो आपको विशेष प्रकार का आहार लेना होगा।
आपके अपने पीएमएस को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, आपको माहवारी (पीरियड्स) के दौरान निम्नलिखित आहार दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिएः
1).दिन में तीन बार भोजन करने की अपेक्षा यदि आप दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके छह बार आहार लेंगी, तो इससे आपका ब्लड शुगर ठीक बना रहेगा और आपका मिज़ाज भी अच्छा रहेगा।
2).यदि आप दूध का सेवन नहीं करती हैं, तो सोया, राइस मिल्क, टोफू या गोभी से अपने शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं। किण्वित (फरमेंटेड) सोया का सेवन करने पर विचार करें क्योंकि विशेष प्रकार के सोया उत्पादों में फाइटोएस्ट्रोजेंस होते हैं, जोकि आपके शरीर में प्राकृतिकतौर से पाये जाने वाले एस्टोजेन का निर्माण कर सकते हैं, और इससे आपको प्रजनन सम्बन्धी स्वास्थ्य कठिनाइयां नहीं होंगी। यदि आपके शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में अथवा बहुत कम मात्रा में एस्ट्रोजन हैं, तो आपको अपनी प्रजनन क्षमता से समझौता करना पड़ सकता है।
3). कभी-कभी विटामिन बी6 का सेवन करने का परामर्श दिया जाता है, लेकिन इस बात के बहुत ही कम निर्णायक प्रमाण हैं कि बी6 का सप्लीमेंट वास्तव में प्रभावी है। साथ ही, प्रतिदिन 100 मिग्रा से अधिक का सेवन तंत्रिका (नर्व) क्षति का कारण बन सकता है, हालांकि यह स्थाई नहीं है, लेकिन जोखिम तो बना ही रहता है। आपके शरीर को विटामिन बी6 की पर्याप्त मात्रा प्रदान करने के लिए आपका आहार ही पर्याप्त होना चाहिए।
4). विटामिन ई लाभदायक हो भी सकती है, और नहीं भी। पीएमएस के इलाज के रूप में, विटामिन ई की प्रभावशीलता पर किए गए अध्ययन से अलग-अलग परिणाम प्राप्त हुए हैं। विटामिन बी6 से भिन्न, विटामिन ई के कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।

5).कभी-कभी मैग्नीशियम का सेवन करने की सलाह दी जाती है, हालांकि इसका भी उच्च सहनशीलता स्तर (300 मिग्रा) होता है और उच्च खुराक लेने पर यह दस्तावर साबित हो सकती है। यदि आप मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने का प्रयास कर रही हैं, तो ध्यान रहे कि आपके सभी खाद्य स्रोतों में इसकी मात्रा 350 मिग्रा से ज्यादा न हो।

6).शराब का सेवन न करें। इसका प्रभाव निराशाजनक होता है और इससे आपकी माहवारी के लक्षण बदतर हो सकते हैं।

अपने चक्र को नियंत्रित करना

शोध बतलाते हैं कि अधिक रेशेदार (फाइबर) और निम्न वसा वाला आहार अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकता है। एक अध्ययन में 210 महिलाओं से, जिनकी उम्र 17 और 22 के मध्य थी, से उनकी आहार सम्बन्धी आदतों और मासिक धर्म चक्र के इतिहास के बारे में पूछा गया। ऐसी महिलाओं ने जिन्होंने अनियमित माहवारी के बारे में बताया वे अपने भोजन में ज्यादा कच्चा एवं आहार (फाइबर) ले रही थीं, जबकि वे महिलाएं जोकि अधिक वसा युक्त (सेचुरेटेड) आहार ले रही थीं, का मासिक धर्म चक्र नियमित था।
शोध बतलाते हैं कि जितना अधिक आप वसा का सेवन करती हैं, उतना ही अधिक आपका शरीर एस्ट्रोजन का निर्माण करता है। साथ ही फाइबर शरीर को अतिरिक्त एस्ट्रोजन को साफ करने में मदद करता है। लीवर पित्त नली और आंत्र मार्ग के माध्यम से रक्त में से एस्ट्रोजन को खींचता है, जहां फाइबर इसे सोख लेता है और शेष को कचरे के रूप में शरीर से बाहर निकाल देता है।
अल्प समय में बहुत सारा वजन बढ़ाना या कम करना भी आपके मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है। ऐसी महिलाएं जोकि एनोरेक्सिक या बुलिमिक हैं अक्सर एमोहेरिया का विकास करेंगी, जिसका अर्थ है कि वे लगातार अपने तीन या अधिक माहवारी से चूक गयी हैं। आमतौर पर यह शरीर की वसा की क्षति एवं एस्ट्रोजन के निर्माण में धीमी उन्नति के कारण होता है, लेकिन बहुत ज्यादा वजन बढ़ाने से भी इसी तरह के प्रभाव सामने आते हैं।

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